जब संघर्ष करता है नर, पर्वत के जाते पांव उखड़। सूरमा नहीं विचलित होते, क्षण एक नहीं जब संघर्ष करता है नर, पर्वत के जाते पांव उखड़। सूरमा नहीं विचलित होते, ...
सूरमा पे लीखी कविता। सूरमा पे लीखी कविता।
मन की किताब पर लिखा हुआ एक एक शब्द वक्त की लहरों के आवेग से मिट ही जायेगा । मन की किताब पर लिखा हुआ एक एक शब्द वक्त की लहरों के आवेग से मिट ह...
जो नजरों से गिर जाये उसे उठाना नहीं। जो नजरों से गिर जाये उसे उठाना नहीं।
इंतज़ार और आस इंतज़ार और आस
इंसान हैं हम कोई भगवान नहीं, गलतियाँ हमसे ना हो ये हो नहीं सकता भटक जाते हैं रास्ता इंसान हैं हम कोई भगवान नहीं, गलतियाँ हमसे ना हो ये हो नहीं सकता भटक जाते ...